वृश्चिक राशि इष्ट देव और वृश्चिक लग्न इष्ट देव (Vrishchik rashi isht dev, Vrishchik lagna isht dev)
इष्ट देव यानि आराध्य देव का निर्धारण आपकी राशि और लग्न के अनुसार होता है | प्रत्येक मनुष्य का उसके जन्म और ग्रहों के हिसाब से ईश्वर से जुडाव अवश्य होता है | आपके लग्न और राशि में जो भी ग्रह बेटे हुये है, उन ग्रहो का आपके मन और शरीर पर बहुत प्रभाव पडता है | इस लिए यह सब ग्रह आपके इष्ट को जानने में आपकी मदद करते है | आपके कुल देवता और कुल देवी भी आपके इष्ट देव हो सकते है | जीवन में धन, सुख, ज्ञान, शक्ति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए ईश्वर की आराधना यानी अपने इष्ट देव की आराधना जरूर मानी गयी है | इष्ट देव की उपासना और आराधना से आत्म शक्ति, सुख, ज्ञान, शक्ति, समृद्धि और जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है | किसी भी ग्रह की दशा, अंतरदशा या महादशा चल रही हो तो वह दशा कितनी भी कष्टकारी क्यूं न हो अगर आप अपने इष्ट देव की आराधना करते है तो आप उस महादशा से मुफ्ति पा सकते है | मनुष्य को इष्ट देव के मंत्र का उच्चारण या आराधना एक निश्चित समय पर करना चाहिऐ, तभी उसके लिए वह मंत्र लाभकारी होता है | इस राशि के राशि स्वामी मंगल देव होने के कारण यह हनुमान जी की पूजा और उनके मंत्रों का जप करना चाहिये | वृश्चिक राशि इष्ट देव या वृश्चिक लग्न की बात करे तो इन के पंचम भाव में मीन राशि पडती है, मीन राशि के स्वामी बृहस्पति देव है | पंचम भाव विद्या, पुर्वजन्म, ज्ञान और बुद्धि का माना गया है, इष्ट देव का निरधारण भी पंचम भाव से किया जाता है, इस लिये इन के इष्ट देव बनते है भगवान लक्ष्मी नारायण | इन जातको को भगवान लक्ष्मी नारायण की पूजा और आराधना करनी चाहिये | वृश्चिक राशि वालो को भगवान लक्ष्मी नारायण के मंत्र का जाप करना चाहिये यह इन के जीवन में मनोवांचित फल प्राप्त करने में सहयता प्रदान करेगा |
उपाय :- अगर आपके जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी है तो भगवान लक्ष्मी नारायण की पूजा और उनके मंत्रों का जाप करे आपके जीवन की सारी परेशानीयां धीरे -धीरे कर कम होना शुरू हो जायेगी |
मंत्र को सुनने के लिए नीचे दिये गये विडियो को जरूर देखे |
अधिक जानकारी के लिए निचे दिया गया विडियो देखे :
अपना राशि चिन्ह जानें (Check your Rashi Sign)
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