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मेष राशि इष्ट देव और मेष लग्न इष्ट देव (Mesh rashi isht dev, Mesh lagna isht dev)
इष्ट देव का निरधारण जन्म कुंडली, लग्न और राशि के अनुसार किया जाता है | व्यक्ति के जीवन के अन्दर धन, सुख, ज्ञान, शक्ति और समृद्धि की प्राप्ति के इष्ट देव की आराधना बहुत ही महत्वर्ण मानी गई है | मनुष्य को इष्ट देव के मंत्र का उच्चारण एक निश्चित समय पर करना चाहिऐ | इष्ट देव की उपासना से आत्म शक्ति, सुख, ज्ञान, शक्ति, समृद्धि और जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है | किसी भी ग्रह दशा या महादशा चल रही हो तो वह दशा कितनी भी कष्टकारी क्यूं न हो अगर आप अपने इष्ट देव की आराधना करते है तो आप उस महादशा से मुफ्ति पा सकते है | इष्ट देव की आराधना से आप अपने प्रतिकूल समय को भी आराम से निकाल सकते है | मेष राशि के स्वामी देव मंगल देव होते है | इस राशि के राशि स्वामी मंगल देव होने के कारण यह भगवान हनुमान जी की पूजा भी कर सकते है | मेष राशि इष्ट देव या मेष लग्न की बात करे तो इन के पंचम भाव में सिंह राशि पडती है, पंचम भाव विद्या और बुद्धि का माना गया है, इष्ट देव का निरधारण भी पंचम भाव से किया जाता है, इस लिये इन के इष्ट देव बनते है सूर्य भगवान है | इन जातको को सूर्य भगवान की पूजा और आराधना करनी चाहिये | मेष राशि वालो को सूर्य देव के मंत्र का जाप करना चाहिये यह इन के जीवन में मनोवांचित फल प्राप्त करने में सहयता प्रदान करेगा |
मंत्र को सुनने के लिए नीचे दिये गये विडियो को जरूर देखे |
अधिक जानकारी के लिए निचे दिया गया विडियो देखे :
अपना राशि चिन्ह जानें (Check your Rashi Sign)
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