Advertisements
नवरात्रि का पांचवें दिन: मां स्कंदमाता की पूजा कैसे करे (Navratri Maa Skandmata puja vidhi)
नवरात्रि के पांचवें दिन माँ स्कंदमाता (Maa Skandmata) की पूजा की जाती है | माता रानी भगवान स्कंद (कार्तिकेय) की माता होने के कारण देवी मां को स्कंदमाता कहा जाता है | माँ स्कंदमाता दोनों हाथों में कमलदल लिए हुए और एक हाथ भगवान स्कंद बालरूप में इनकी गोद में विराजित हैं | स्कंदमाता देवी पार्वती का ही स्वरूप है | स्कंदमाता सूर्यमंडल की अधिष्ठात्रि देवी हैं | हिन्दु धर्म के अनुसार मां स्कंदमाता की पूजा करने से संतान को सुख की प्राप्ती और रोगमुक्ति रहती है।
मां स्कंदमाता की पूजा विधि (Maa Skandmata Puja vidhi)
मां स्कंदमाता पूजा की शुरूवात इस प्रकार कर सकते है | मां स्कंदमाता की पूजा ब्रह्ममुहूर्त में ही करें | सबसे पहले सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें स्नान के बाद पीले वस्त्र धारण करें क्योंकि मां को यह रंग बहुत ही प्यारा है। वस्त्र धारण करने के बाद कलश की पूजा कर माता स्कंदमाता को नमन करें। मां स्कंदमाता को कुमकुम, मौली, अक्षत अर्पित करें। इसके बाद केले का भोग या केसर युक्त खीर का भोग लगाएं और फिर जल अर्पित करें। देवी मां के मंत्रों का जाप करें | मां स्कंदमाता को पीले रंग के फूल अर्पण करें | मां स्कंदमाता के सामने घी का दीपक जलाएं | मां स्कंदमाता की आरती के बाद कन्याओं को केले का प्रसाद बांटें | मां स्कंदमाता की विधि-विधान से की गई पूजा संतान पर आने वाले सभी संकटों का नाश करती है।
मां स्कंदमाता का शुभ रंग (Maa Skandmata ka shubh colour) : मां स्कंदमाता को पीला (Yellow) रंग (Colour) बहुत पसंद है | अतः मां की पूजा करते समय पीले रंग के कपडे पहने |
मां स्कंदमाता को किस का भोग लगाये (Maa Skandmata Bhog): मां स्कंदमाता को केले का भोग या केसर युक्त खीर का भी भोग लगा सकते है |
संतान सुख की प्राप्ती : ऐसा कहा जाता है की कि नवरात्रि में निसंतान दंपत्ति को स्कंदमाता की विशेष उपासना करनी चाहिए ऐसा करने से उन की गोद भर सकती है |
अधिक जानकारी के लिये नीचे दिये गये विडियोज को देखें
अपना राशि चिन्ह जानें (Check your Rashi Sign)
अगर आप रोज का राशिफल और पंचांग देखना चाहते है तो खुशजीवन राशिफल ऐप डाउनलोड करे निचे दिये गये लिंक से
#navratri, #Maaskandmata, #Navratrimaifivedaykisdevikipujahotihai, #Navratrimaaskandmatapujavidhi